Dr. Pradeep Kumar: An inspiring name giving a new direction to education
नई दिल्ली।
आज जब देश की युवा पीढ़ी करियर की राह में अनिश्चितताओं से जूझ रही है, तब कुछ ऐसे शिक्षाविद हैं जो केवल मार्गदर्शन नहीं देते, बल्कि जीवन को दिशा और उद्देश्य देने की शक्ति भी जगाते हैं।
डॉ. प्रदीप कुमार, ऐसे ही एक दूरदर्शी शिक्षाविद हैं जिन्होंने श्रीराम IAS एकेडमी की स्थापना करके शिक्षा को केवल परीक्षा पास करने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला बना दिया है।
🌿 “शिक्षा नहीं, संस्कारों की पाठशाला” – श्रीराम IAS एकेडमी की पहचान
जहां अधिकांश कोचिंग संस्थान केवल परिणामों और रैंकिंग तक सीमित हैं, वहीं श्रीराम IAS एकेडमी को एक संस्कारशाला के रूप में जाना जाता है।
यहां विद्यार्थियों को सिर्फ UPSC का सिलेबस नहीं सिखाया जाता, बल्कि उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से संतुलित और सामाजिक दृष्टि से जिम्मेदार नागरिक बनाया जाता है।
डॉ. कुमार कहते हैं —
“UPSC की तैयारी किताबों से नहीं, सोच, अनुशासन और आत्मविश्वास से होती है।”
🌱 हर छात्र के सपनों को पहचानने वाले गुरु
डॉ. प्रदीप कुमार का शिक्षण दृष्टिकोण पारंपरिक पद्धतियों से बिल्कुल अलग है।
वे हर विद्यार्थी की क्षमता को समझकर उसे व्यक्तिगत मार्गदर्शन देते हैं।
उनकी यह अनोखी पद्धति आज हजारों छात्रों के सपनों को साकार कर चुकी है — जिनमें से अनेक आज प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत हैं और समाज में बदलाव की मिसाल बन रहे हैं।
🧠 मानसिक स्वास्थ्य को शिक्षा का हिस्सा बनाना – एक अनोखी पहल
शिक्षा जगत में अक्सर मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन डॉ. कुमार ने इसे मुख्यधारा में शामिल किया है।
वे नियमित रूप से काउंसलिंग सेशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप और माइंड-बैलेंस ट्रेनिंग आयोजित करते हैं, जिससे विद्यार्थी न केवल परीक्षा बल्कि जीवन की हर चुनौती से जूझने का साहस पाते हैं।
उनका मानना है —
“सफल वही है, जो अपने भीतर के मनुष्य को समझ सके।”
💻 कोरोना काल में उम्मीद की नई किरण
COVID-19 महामारी के दौरान जब शिक्षण संस्थान बंद हो गए थे और छात्रों में निराशा का माहौल था,
तब डॉ. प्रदीप कुमार ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से हजारों विद्यार्थियों तक पहुंच बनाई।
उनके वेबिनार, लाइव सेशन और प्रेरक व्याख्यानों ने अनगिनत युवाओं को नई ऊर्जा और दिशा दी।
कई छात्रों का कहना है कि उन्हीं मुश्किल दिनों में डॉ. कुमार की बातें उनके लिए आशा की किरण साबित हुईं।
👨👩👧 अभिभावक और शिक्षक — शिक्षा के साझीदार
डॉ. कुमार का मानना है कि शिक्षा केवल छात्रों की नहीं, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों की साझी जिम्मेदारी है।
इसी सोच के तहत वे Parent–Teacher Awareness Programs आयोजित करते हैं,
जहां बच्चों के मनोविज्ञान, भावनात्मक विकास और व्यवहार को समझने पर गहन चर्चा होती है।
इस प्रयास ने शिक्षा को एक संवाद बना दिया है — शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक के बीच।
🏅 राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित योगदान
शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनोखे योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजा गया प्रशंसा पत्र यह प्रमाण है कि डॉ. कुमार का कार्य केवल शिक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम है।
उनकी निष्ठा और दृष्टि आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।
🎓 श्रीराम IAS एकेडमी – शिक्षा का नया प्रतिमान
आज के समय में जब शिक्षा व्यवसायिक होती जा रही है,
श्रीराम IAS एकेडमी अपने मानवीय दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों के कारण एक आदर्श बनकर उभरी है।
यहां “रैंक” नहीं, “विकास” मायने रखता है।
डॉ. कुमार का उद्देश्य केवल नौकरी तैयार करना नहीं, बल्कि ऐसे नागरिक बनाना है जो देश और समाज दोनों के प्रति सजग हों।
🌏 भविष्य की दिशा – एक नए भारत की ओर
यदि आप या आपका कोई प्रियजन UPSC की तैयारी कर रहा है, या जीवन के किसी मोड़ पर करियर को लेकर असमंजस में है,
तो डॉ. प्रदीप कुमार से मार्गदर्शन लेना आपके लिए जीवन बदलने वाला अनुभव साबित हो सकता है।
👉 वेबसाइट: www.shriramiasacademy.com
यह केवल एक कोचिंग नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — युवाओं को सक्षम, सजग और संवेदनशील बनाने का।
🌟 निष्कर्ष: शिक्षा को जीवन का उत्सव बना रहे हैं डॉ. प्रदीप कुमार
देश को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने के लिए आज ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है,
जो सिर्फ किताबें न पढ़ाएं, बल्कि जीवन को पढ़ना सिखाएं।
डॉ. प्रदीप कुमार ऐसे ही एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं — जिन्होंने शिक्षा को पुनर्परिभाषित किया है।
श्रीराम IAS एकेडमी आज एक संस्था नहीं, बल्कि एक मिशन बन चुकी है —
हर छात्र को उसकी असली पहचान दिलाने का, और शिक्षा को जीवन का उत्सव बनाने का।